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ट्रम्प ने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाया, साथ ही 12 अन्य देशों पर नए शुल्क लगाए

परिचय:

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रमुख एशियाई व्यापार साझेदारों को लक्षित करते हुए टैरिफ के एक नए दौर की घोषणा की है। इस कदम में 25% आयात शुल्क पर जापान और दक्षिण कोरिया, और 25% से 40% तक के अतिरिक्त टैरिफ 12 अन्य देशइस घोषणा से वैश्विक बाजार में प्रतिक्रियाएं, कूटनीतिक तनाव और व्यापार युद्ध के फिर से शुरू होने की चेतावनियां सामने आई हैं।

समय-सीमा एवं तंत्र:

  • घोषणा तिथि: 7 जुलाई, 2025
  • प्रभावी तिथि: 1 अगस्त, 2025
  • ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किए गए आधिकारिक पत्रों के माध्यम से इस निर्णय की पुष्टि की। ये पत्र सभी लक्षित देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भेजे गए थे, जिनमें स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई थी कि बराबर प्रतिशोध यदि कोई प्रतिकार प्रयास किया गया।

कौन प्रभावित है?

  • जापान और दक्षिण कोरिया:
    कंबल 25% टैरिफ पर सभी आयातित सामान 1 अगस्त से शुरू होगा।
  • अन्य देश (नमूना सूची):
    • मलेशिया
    • कजाखस्तान
    • दक्षिण अफ़्रीका
    • लाओस
    • म्यांमार
    • ट्यूनीशिया
    • सर्बिया
    • थाईलैंड
    टैरिफ 25% से 40% तक है, अमेरिका के साथ व्यापार की मात्रा और नीति संरेखण पर निर्भर करता है

इस कदम के पीछे उद्देश्य:

  1. व्यापार असंतुलन को ठीक करना:
    ट्रम्प ने जापान और दक्षिण कोरिया पर अमेरिका के साथ भारी व्यापार अधिशेष चलाने का आरोप लगाया
  2. अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना:
    उनका दावा है कि नए टैरिफ स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देंगे और राष्ट्रों को इसके लिए बाध्य करेंगे नये द्विपक्षीय व्यापार समझौते.
  3. प्रतिशोध के विरुद्ध चेतावनी:
    पत्रों में इस बात पर जोर दिया गया कि किसी भी जवाबी कार्रवाई के परिणामस्वरूप अमेरिका के समान टैरिफ लागू हो जाएंगे, जिससे संभवतः संघर्ष बढ़ जाएगा।

वैश्विक एवं बाज़ार प्रतिक्रियाएँ:

  • अमेरिकी बाजार:
    इस खबर के तुरंत बाद एसएंडपी 500 में गिरावट आई। निर्यात-प्रधान अमेरिकी शेयरों में तेज गिरावट देखी गई।
  • एशियाई बाजार:
    फिलहाल स्थिति आश्चर्यजनक रूप से स्थिर है, लेकिन विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि वार्ता विफल होती है तो प्रतिक्रिया में देरी होगी।
  • कूटनीतिक प्रतिक्रिया:
    जापान और दक्षिण कोरिया ने कड़ी आपत्ति जताई और विश्व व्यापार संगठन में शिकायत का संकेत दिया।
    यूरोपीय संघ और कनाडा ने भी इस कदम की आलोचना करते हुए इसे वैश्विक व्यापार स्थिरता के लिए खतरा बताया।

चल रही बातचीत:

  • नई समय सीमा:
    ट्रम्प ने तय किया है 1 अगस्त, 2025लक्षित देशों के लिए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय समझौते करने की अंतिम तिथि
  • लचीलापन:
    ट्रम्प ने समय-सीमा को "दृढ़, किन्तु 100% दृढ नहीं" बताया, जिससे सौदेबाजी की गुंजाइश बनी रही।
  • रुकी हुई वार्ता:
    पिछली वार्ताएं निम्नलिखित मुद्दों पर टूट गईं:
    • जापान का चावल बाज़ार
    • दक्षिण कोरिया का सैन्य खर्च
    • मुद्रा हेरफेर और ऑटो टैरिफ

कानूनी एवं राजनीतिक संदर्भ:

  • कानूनी प्रश्न:
    इन टैरिफों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (आईईईपीए).
    इसी तरह के एक कदम को "लिबरेशन डे टैरिफ" नाम दिया गया था असंवैधानिक मई 2025 में एक अमेरिकी व्यापार अदालत द्वारा - हालांकि यह निर्णय अपील लंबित रहने तक स्थगित है।
  • अमेरिका में राजनीतिक प्रतिक्रिया:
    आलोचकों का कहना है कि इस कदम से मंदी या मुद्रास्फीति में उछालजबकि ट्रम्प के समर्थकों का मानना है कि यह एक साहसिक अमेरिका समर्थक कदम है।

त्वरित सारांश तालिका:

विवरणसारांश
आरंभ करने की तिथि1 अगस्त, 2025
मुख्य लक्ष्यजापान और दक्षिण कोरिया – सभी वस्तुओं पर 25%
अन्य देश12+ राष्ट्र (शुल्क सीमा 25%–40%)
ट्रम्प का लक्ष्यद्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर जोर, अमेरिकी नौकरियों की रक्षा
प्रतिक्रियावैश्विक चिंता, बाजार में अस्थिरता
कानूनी स्थितिसंवैधानिकता पर प्रश्न (आईईईपीए)

अंतिम विचार:

यह ट्रम्प के पहले कार्यकाल के बाद से सबसे बड़ी टैरिफ घोषणाओं में से एक है। इंडो-पैसिफिक और वैश्विक बाजारों में बढ़ते तनाव के साथ, यह निर्णय आने वाले महीनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नया रूप दे सकता है। दबाव की रणनीति काम करती है या उलटी पड़ती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि सहयोगी और व्यापार भागीदार 1 अगस्त की समय सीमा से पहले कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।

ट्रम्प ने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाया, जिससे वैश्विक आर्थिक चिंताएं बढ़ गईं। विस्तृत जानकारी अंदर।

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