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अमेरिका ने रूसी तेल आयात के लिए भारत पर 500% टैरिफ का प्रस्ताव रखा: प्रभाव और प्रतिक्रिया

प्रकाशित तिथि: 7 जुलाई, 2025

प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति

जुलाई 2025 तक, यह विधेयक अमेरिकी सीनेट में लंबित है, लेकिन इसे 84 सीनेटरों का समर्थन मिलने के साथ ही महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ है। अगस्त 2025 में चर्चा फिर से शुरू होने की उम्मीद है। यदि यह पारित हो जाता है, तो टैरिफ भारत पर भारी असर डाल सकता है, जो रूस से रियायती दरों पर 40-44% कच्चा तेल आयात करता है।

भारत की प्रतिक्रिया और व्यापार वार्ता

भारत ने प्रस्तावित टैरिफ पर चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर सीनेटर ग्राहम सहित अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत की है, जिसमें भारत की ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकताओं पर जोर दिया गया है। भारत और अमेरिका चरणबद्ध व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका पहला चरण अक्टूबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिससे टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।

भारत पर संभावित प्रभाव

500% टैरिफ भारत के अमेरिका को निर्यात को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, खासकर कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन और आईटी सेवाओं में, क्योंकि लागत बढ़ती है और मांग घटती है। वर्तमान में, 26% टैरिफ लागू है, जो 9 जुलाई, 2025 तक 90 दिनों के निलंबन के साथ है। व्यापार सौदा हासिल करने में विफलता इस टैरिफ को फिर से लागू कर सकती है, अगर बिल पास हो जाता है तो 500% टैरिफ मंडरा सकता है।

निष्कर्ष

प्रस्तावित 500% टैरिफ भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है, जो अपनी ऊर्जा जरूरतों को अमेरिकी व्यापार संबंधों के साथ संतुलित करने में सक्षम है। आने वाले महीने, खास तौर पर अगस्त 2025, महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि भारत अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए इन वार्ताओं को आगे बढ़ाएगा।

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