शीर्षक: राक्षस की जान तोते में अटकी है: 2025 का अधूरा युद्ध और अदानी का अमेरिका कनेक्शन
"18 जून 2025, पहलगाम - 19 लोग मारे गए। भारत टर्न की आग में जल रहा था। सेना की तैयारी थी, जनता दल जारी था। एक घटना के बाद युद्ध क्यों नहीं हुआ? उत्तर एक तोते के गले में फंसा है - और वो तोता गौतम अडानी है"?
2025 में भारत में शुरुआती हमलों के बाद पाक युद्ध की प्रबल संभावना थी। पर युद्ध रुक गया। इसका कारण अमेरिका का दबाव था, और बीच में अडानी पर एक अंतरराष्ट्रीय घोटाला चल रहा था0964 इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की आजादी आज किस तरह से गठबंधन और विपक्ष में उलझी हुई है।''
1. पहला हमला - 18 जून 2025
- तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकी हमले के दौरान युवाओं की यात्रा।
- 19 आश्रमों की मृत्यु, कई घायल।
- गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान की आईएसआई को दोषी ठहराया।
- मोदी सरकार ने कहा- "अब अंतिम कार्रवाई होगी।"
🔸 2. ऑपरेशन 'गर्जना' की तैयारी थी - फिर भी रुका
- रॉ और सेना ने पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान में एयरस्ट्राइक की योजना बनाई थी।
- ऑपरेशन का नाम था: "गर्जना" (गर्जना)
- 20 जून की रात अचानक प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश आया: “रोकें और प्रतीक्षा करें”
- युद्ध नहीं हुआ.
🔸3. अमेरिका का हस्तक्षेप: ट्रिपल की कॉल
- 20 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड स्टायल का सीधा कॉल मोदी को।
- संदेश: "टेक डील और $14 गरीब अमेरिकी निवेश दांव पर हैं, युद्ध हो जाए।"
- G20 सम्मेलन से पहले भारत पर नामांकन दबाव बनाया गया।
- मोदी ने 21 जून को प्रेस को जवाब दिया: "भारत संयम की भाषा भी लुप्त है, और जब डूब जाए तो जवाब भी देता है।"
लेकिन जवाब नहीं आया.
🔸 4. लेकिन क्या असली कहानी अदानी से जुड़ी है ?
▶️ अमेरिका में अदानी पर केस:
- अमेरिकी एसईसी और डीओजे ने गौतम अदानी और सागर अदानी पर लगाया आरोप:
- $265 मिलियन करोड़
- एफसीपीए उल्लंघन
- विदेशी व्यापारियों को धोखा देना
- केस संख्या:
1:24-सीवी-01638-जेपीओ
- अदानी को समन भारत सरकार के माध्यम से भेजा गया - 2 बार
- भारत सरकार ने समन सर्व नहीं किया।
▶️क्यों नहीं किया?
क्योंकि:
“राक्षस की जान तोते में अटकी है…?”
और ये 'तोता' है - गौतम अदानी है ?
- अदानी के हिस्से में ही शामिल हो सकता है:
- मोदी सरकार की अमेरिकी टेक डील
- युद्ध नीति में विपक्ष
- विदेशी लॉबिंग और राजनीतिक वित्त
📉 विश्लेषण (विश्लेषण):
आज सत्य का 'तोता' गौतम अडानी क्या है—?
जो कोर्ट में बोल पड़े तो पूर्ण सत्य की नसें खुलती हैं।इसलिए न अडानी कोर्ट,
और न भारत-पाक युद्ध हुआ।क्योंकि सत्य के राक्षस की जान, तोते में अटकी है...
🧨 निष्कर्ष (निष्कर्ष):
2025 का युद्ध बस सीमा का मामला नहीं था -
वो डॉलर, डेटा, डिप्लोमेसी और अदानी का हाईस्टेक गेम था।
जिस दिन अदानी बोलेगा,
उस दिन न बस सत्ता हिलेगी?
बल्कि भारत की "स्वतंत्र विदेश नीति" का सच सामने आएगा?
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